सुनs हो बहिनी, सुनs हो भइया, अब जागे के बा, अब बोले के बा। हमनी हईं भोजपुरिया भाखी, राज हमार भोजपुर, राजधानी काशी!

भोजपुरी भाषा के विस्तृत इतिहास – उद्गम आ विकास: भोजपुरी भाषा इंडो-आर्यन भाषा परिवार के एक मुख्य भाषा ह, जवन कि प्राचीन मगधी अपभ्रंश से निकलल ह। भोजपुरी भाषा के मूल संस्कृत आ प्राकृत भाषा से मानल जाला। ई भाषा मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के भोजपुरिया क्षेत्र में बोले जाले, साथे नेपाल के तराई इलाका, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिदाद, सूरीनाम, गुयाना, अमेरिका आ अफ्रीका तक भोजपुरी बोलनिहार लोग फैलल बा।

१. प्राचीन काल (१००० ईस्वी से पहिले): भोजपुरी भाषा के जड़ वैदिक संस्कृत आ पालि-प्राकृत भाषा में मिलेला। ई भाषा मगधी अपभ्रंश से धीरे-धीरे विकसित भइल।

◆ महाजनपद काल (६ठी-४ठी सदी ई.पू.): भोजपुरिया इलाका मगध साम्राज्य के हिस्सा रहल, जवन कि बाद में मौर्य आ गुप्त वंश के अधीन आइल। ओह समय लोग पालि, प्राकृत, आ मगधी भाषा बोले।

◆ गुप्त काल (४००-६०० ई.): एही समय भोजपुरी आ ओहिजा के लोकभाषा धीरे-धीरे स्वतंत्र रूप से विकसित होखे लागल।

◆ बौद्धकाल आ जैन परंपरा (५००-१००० ई.): ई समय में भोजपुरी क्षेत्र के भाषा में धार्मिक ग्रंथ, लोककथा, आ जनसाधारण के बोलचाल के प्रभाव बढ़े लागल।

२. मध्यकाल (१०००-१८०० ई.):भक्तिकाल आ संत साहित्य: भोजपुरी भाषा भक्तिक आंदोलन में खास भूमिका निभइलस। कबीरदास, गुरु नानक, आ अन्य संत लोग भोजपुरी आ अवधी में उपदेश देलस। • तुलसीदास के "रामचरितमानस" में भोजपुरी के प्रभाव देखे के मिलेला। • नाथ संप्रदाय आ संत की धारा भोजपुरी के लोकभाषा बना देलस।

लोकगीत आ नाच परंपरा: • भोजपुरी में सोहर, कजरी, बिरहा, चैता, बटगंगा, जटजिटन, कहरवा जइसन लोकगीत लोकप्रिय रहल।

• लोकनाटक में नौटंकी आ भिखारी ठाकुर के "बिदेसिया" भोजपुरी समाज के सजीव चित्रण करे ला।

◆ मुगल काल में भोजपुरी: • भोजपुरिया क्षेत्र में राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, यादव आ अन्य जाति के लड़ाका लोग मुगल सेना में भी रहल, जे भोजपुरी के दिल्ली तक फइलावे में मदद कइलस। • एही समय भोजपुरी में फारसी आ अरबी शब्द घुल-मिल गइल।

३. आधुनिक काल (१८००-१९५० ई.):गिरमिटिया मजदूर आ प्रवासी भोजपुरी: • १८३४ के बाद, अंग्रेज लोग बिहार आ उत्तर प्रदेश से लाखों भोजपुरिया मजदूर के मॉरीशस, फिजी, गुयाना, त्रिनिदाद, सूरीनाम, अफ्रीका आ कैरिबियन देश भेजलस, जवन कि ओहिजा भोजपुरी भाषा के एक नया पहचान देलस। • आज भी मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम में भोजपुरी एक मातृ भाषा हवे।

भोजपुरी साहित्य आ पत्रकारिता: • १९वीं सदी में भोजपुरी भाषा में लिखल कागज-पत्र, अखबार आ किताब छपे लागल। • भिखारी ठाकुर ("बिदेसिया"), रघुवीर नारायण, रेणु, महाप्रभु मिश्र, आ राहुल सांकृत्यायन भोजपुरी साहित्य के मजबूत आधार देलन। • १९१३ में पिहला भोजपुरी अखबार "गाँव के गोरखपुर" छपल।

४. समकालीन भोजपुरी (१९५० से अब तक):भोजपुरी सिनेमा के शुरुआत: • १९६३ में पिहला भोजपुरी फिल्म "गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो" रिलीज भइल। • ओकरा बाद भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री के बढ़ोतरी भइल, आ आज ई भारत के प्रमुख क्षेत्रीय फिल्म उद्योगन में से एक बा।

भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता के मांग: • भोजपुरी के संविधान के ८वीं अनुसूची में शामिल करे के मांग कई साल से जोर पकड़ले बा। • बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड आ अन्य जगह भोजपुरी में कई सरकारी कामकाज होला। • २०१८ में नेपाल में भोजपुरी के दूसरी राजभाषा के दर्जा मिलल।

भोजपुरी भाषा के खास विशेषता:

  • अलग व्याकरण आ शब्द संरचना: भोजपुरी में अपन अलग व्याकरण हवे, जइसे "हई," "बानी," "बा" आदि।

  • अपन तइं लिपि (कैथी लिपि): भोजपुरी पहले कैथी लिपि में लिखल जाले, बाद में देवनागरी हो गइल।

  • लोकसंगीत आ संस्कृति: सोहर, चैता, बिरहा, निर्गुण, जट-जिटन भोजपुरी के संस्कृति में गहराई से बसल बा।

  • गिरमिटिया भोजपुरी: फिजी, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम में भोजपुरी भाषा के कई प्रकार विकसित भइल, जेकरा "फिजियन भोजपुरी" आ "कैरेबियन भोजपुरी" कहल जाला।

भोजपुरी भाषा इतिहास, संस्कृति, परंपरा आ संघर्ष के प्रतीक हवे। ई भाषा केवल भारत में ही ना, बल्कि दुनिया के कई देश में गर्व से बोले जाले। भोजपुरी भाषा के प्रचार-प्रसार, साहित्य, सिनेमा, आ संवैधानिक मान्यता खातिर लगातार प्रयास जारी बा। "भोजपुरी के गौरव बढ़े, भोजपुरिया के सम्मान मिले!"

संविधान में नया राज्य बने के नियम: ➡ भारत में नया राज्य बने के संवैधानिक प्रक्रिया साफ-साफ अनुच्छेद 2 आ 3 में दिहल गइल बा। भोजपुर क्षेत्र के अलग राज्य बने के माँग अगर सही तरीका से उठावल जाव, त ई कानूनी रूप से संभव बा। लेकिन एह खातिर जनसमर्थन, राजनीतिक दबाव आ संसद में मजबूत दावेदारी जरूरी बा।

1⃣ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2 आ 3:अनुच्छेद 2: ➡ ई अनुच्छेद केंद्र सरकार के इजाजत देला कि ऊ भारत में नया राज्य शामिल कर सके। ➡ ई तब होखेला जब कोई नया क्षेत्र (जइसे सिक्किम) भारत में जोड़ा जाला।

अनुच्छेद 3: ➡ एह अनुच्छेद में भारत के अंदर नया राज्य बनावे, बँटवारा करे, सीमा बदले आ नाम बदलले के प्रक्रिया बतावल गइल बा। ➡ अगर भोजपुर राज्य बने के बा, त ई अनुच्छेद 3 के तहत संसद में विधेयक पास करावे के पड़ी। ◆ राज्य के सहमति जरूरी नइखे, लेकिन सलाह जरूर लिहल जाला। ◆ अंतिम फैसला संसद आ राष्ट्रपति के रहेला।