सुनs हो बहिनी, सुनs हो भइया, अब जागे के बा, अब बोले के बा। हमनी हईं भोजपुरिया भाखी, राज हमार भोजपुर, राजधानी काशी!

भारत में अब तक के नया राज्य निर्माण इतिहास1956 - राज्य पुनर्गठन आयोग: ➡ भाषा और सांस्कृतिक आधार पर भारत में नया राज्य बनल।

1960 - महाराष्ट्र-गुजरात के बँटवारा:

➡ मुंबई राज्य के तोड़ के गुजरात और महाराष्ट्र बनावल गइल।

2000 - झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड:

➡ आदिवासी और आर्थिक आधार पर तीन नया राज्य बनल।

2014 - तेलंगाना:

➡ जनता के आंदोलन और राजनीतिक सहमति से नया राज्य बनल।

➡ भोजपुर राज्य के माँग में तेलंगाना के मॉडल सबसे बढ़िया उदाहरण बन सकेला।

भोजपुर राज्य के आंदोलन के मजबूत कइसे कइल जाए? (एक ठोस रणनीति)

भोजपुर राज्य के सपना अब जनांदोलन के रूप ले रहल बा। लेकिन एह लड़ाई के सफल बनावे खातिर संगठित रणनीति, जनजागरण, राजनीतिक दबाव आ कानूनी प्रयास जरूरी बा। नीचे हमनी भोजपुर राज्य के आंदोलन के सफल बनावे के कुछ मजबूत तरीका दे रहल बानीं।

◆ 1⃣ जनजागरण अभियान (Mass Awareness Campaign)

⬛ भोजपुर राज्य के मुद्दा के जनता तक ले जाए के जरूरत बा।

⬛ ओकरा खातिर नीचे दीहल तरीका अपनावल जा सकेला:

सोशल मीडिया अभियान:

– फेसबुक, ट्विटर (X), इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टेलीग्राम आ व्हाट्सएप पर #BhojpurRajya जइसन कैंपेन चलावल जाव।

– भोजपुरी में वीडियो बनाके युवा पीढ़ी तक संदेश पहुँचावल जाव। – इंस्टाग्राम रील्स, फेसबुक लाइव आ यूट्यूब वीडियो से लोगन के जोड़ल जाव।

गांव-गांव बैठक:

– हर जिला, ब्लॉक आ पंचायत स्तर पर "भोजपुर राज्य जनजागरण सभा" कइल जाव।

– भोजपुरी भाषा के महत्व, बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास के मुद्दा उठावल जाव।

सांस्कृतिक कार्यक्रम आ नाटक:

– बिरहा, बिदेसिया, कवि सम्मेलन, लोकगीत के सहारे भोजपुर राज्य के संदेश फैलावल जाव।

– कॉलेज आ यूनिवर्सिटी में भोजपुर राज्य से जुड़ल सेमिनार, परिचर्चा, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करावल जाव।

◆ 2⃣ राजनीतिक दबाव (Political Pressure) ◆ ⬛ भोजपुर राज्य के माँग के राजनीति में मजबूती से उठावल जरूरी बा।

लोकसभा आ विधानसभा में मुद्दा उठे:

– भोजपुर क्षेत्र के सांसद-विधायक से लगातार माँग कइल जाव कि ओकरा के संसद आ विधानसभा में उठावल जाव।

जवन नेता भोजपुर राज्य के समर्थन करसु, ओह लोग के समर्थन दीहल जाव।

– जवन नेता विरोध करसु, ओह लोग से सवाल पूछल जाव

- "भोजपुरिया लोगन के अधिकार से काहे दूर राखल जाता?"

सभी पार्टी पर दबाव:

– BJP, JDU, RJD, SP, कांग्रेस, AAP आ अन्य पार्टी से पूछल जाव कि भोजपुर राज्य पर ओकरा सोच का बा?

– 2027 आ 2029 के चुनाव में "भोजपुर राज्य के मुद्दा पर समर्थन करs, तबे वोट मिली" जइसन नीति अपनावल जाव।

एकीकृत मोर्चा बनावल जाव:

– भोजपुर क्षेत्र के छोट-छोट संगठनन के एक साथ जोड़ के एक मजबूत मोर्चा तैयार कइल जाव।

– एह मोर्चा के नेता सांसद-विधायकन से मिले, प्रेस कांफ्रेंस करे, आंदोलन के रणनीति तैयार करे।

◆ 3⃣ कानूनी लड़ाई (Legal Approach) ◆

⬛ संवैधानिक रूप से भोजपुर राज्य के माँग के मजबूती से रखा जाए।

जनहित याचिका (PIL) दाखिल करल जाव:

– सुप्रीम कोर्ट आ हाई कोर्ट में "भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता" आ "भोजपुर राज्य निर्माण" पर जनहित याचिका दायर करल जाव।

राज्य पुनर्गठन आयोग के माँग:

– भारत सरकार से मांग कइल जाव कि भोजपुर राज्य खातिर नया राज्य पुनर्गठन आयोग बनावल जाव।

– झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जइसन राज्य बनल त भोजपुर राज्य काहे ना?

RTI डाल के जानकारी लेहल जाव:

– भोजपुरी भाषा, भोजपुरी क्षेत्र में औद्योगिक पिछड़ापन, रोजगार आ प्रशासनिक उपेक्षा पर RTI (सूचना का अधिकार) लगावल जाव।

– एह जानकारी से आंदोलन के मजबूती मिली आ सरकार पर दबाव पड़ी।

◆ 4⃣ बड़े पैमाने पर आंदोलन ◆

⬛ जब जनता जागल जाई, तब आंदोलन मजबूती से होई।

⬛ आंदोलन के सफल बनावे खातिर नीचे दीहल तरीका अपनावल जाव:

शांतिपूर्ण प्रदर्शन आ रैली:

भोजपुर क्षेत्र के अलग-अलग जिलन में शांतिपूर्ण धरना, प्रदर्शन आ भोजपुर राज्य यात्रा निकालल जाव।

– हर साल "भोजपुर राज्य दिवस" मनावल जाव, जवना में लाखों लोग शामिल होखे।

दिल्ली, पटना, लखनऊ आ रांची में प्रदर्शन:

– संसद भवन, मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, विधानसभा के सामने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कइल जाव।

– पटना, बनारस, लखनऊ, गाजीपुर, छपरा, बलिया, सिवान, गोरखपुर, आ सोनभद्र में लगातार प्रदर्शन कइल जाव।

रेल रोको, चक्का जाम, जन सभाएं:

जब सरकार ध्यान ना दे, तब लोकतांत्रिक तरीका से रेल रोको आंदोलन, चक्का जाम, सभाएं कइल जाव।

– ई पूरा आंदोलन बिना हिंसा के अहिंसावादी रूप से गांधीवादी तरीका से कइल जाव।

◆ 5⃣ प्रवासी भोजपुरिया लोग के जोड़ल जाव ◆

⬛ भोजपुर क्षेत्र के लोग मुंबई, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, बेंगलुरु, कोलकाता आ खाड़ी देश (UAE, सऊदी, कतर, मॉरीशस, फिजी) में बसल बा।

⬛ ई प्रवासी भोजपुरिया लोगन के आंदोलन में जोड़ल बहुत जरूरी बा।

भोजपुर राज्य के समर्थन में मुंबई, दिल्ली, दुबई, मॉरीशस, फिजी में कार्यक्रम करावल जाव। ‘

प्रवासी भोजपुरिया लोग से आर्थिक सहयोग मांगल जाव, जवना से आंदोलन मजबूत बन सके।

◆ 6⃣ मीडिया में दबाव बढ़ावल जाव ◆

⬛ भोजपुर राज्य के माँग के नेशनल मीडिया, लोकल मीडिया आ डिजिटल मीडिया में लावल जरूरी बा।

प्रेस कांफ्रेंस करल जाव:

– पटना, बनारस, दिल्ली, लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर के पत्रकार लोगन से बातचीत कइल जाव।

– ई पूरा आंदोलन बिना हिंसा के अहिंसावादी रूप से गांधीवादी तरीका से कइल जाव।

’ सोशल मीडिया पर लगातार मुद्दा उठावल जाव:

– "भोजपुर राज्य के समर्थन में हमनी के एकजुट बानीं" ऐसन कैम्पेन चलावल जाव।

– ट्विटर (X), फेसबुक, यूट्यूब पर #BhojpurRajya ट्रेंड करावल जाव।

डॉक्यूमेंट्री आ शॉर्ट फिल्म बनावल जाव:

– भोजपुरी भाषा, पलायन, बेरोजगारी, पिछड़ापन पर यूट्यूब आ ओटीटी प्लेटफार्म पर शॉर्ट फिल्म बनावल जाव।

– ई लोगन के भोजपुर राज्य के महत्व के बारे में जागरूक करी।

भोजपुर राज्य के माँग के तक’ 1⃣ सांस्कृतिक पहचान के सुरक्षा 🏛

✔ भोजपुरी भाषा आ संस्कृति के सम्मान मिले।

✔ भोजपुरी भाषा के संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कइल जाव।

2⃣ आर्थिक विकास:

✔ भोजपुर क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग, हथकरघा, पर्यटन आ खनिज संसाधन बा, लेकिन ठीक से विकास नइखे भईल।

✔ अलग राज्य बनला से आर्थिक विकास तेज होई।

3⃣ रोजगार आ शिक्षा:

✔ भोजपुर क्षेत्र में नयका विश्वविद्यालय, फैक्ट्री आ आईटी हब खुल सकेला।

✔ युवा लोग के रोजगार के अवसर बढ़ी।

4⃣ ऐतिहासिक आधार:

✔ भोजपुर क्षेत्र के ऐतिहासिक योगदान बा, जइसे 1857 के विद्रोह में जगदीशपुर के कुंवर सिंह के भूमिका।

✔ स्वतंत्रता संग्राम आ सामाजिक आंदोलन में भोजपुर के योगदान महत्वपूर्ण बा।

’zv निष्कर्ष: भोजपुर राज्य बने के राहसंवैधानिक रूप से अनुच्छेद 3 के तहत भोजपुर राज्य बन सकेला।

– जन आंदोलन, राजनीतिक समर्थन आ कानूनी प्रक्रिया से ई माँग सफल हो सकेला।

– तेलंगाना, झारखंड जइसे उदाहरण से सिख के मजबूत रणनीति बनावे के पड़ी।

– अगर भोजपुर क्षेत्र के लोग एकजुट होइ हें, त सरकार पर दबाव बन के भोजपुर राज्य के सपना साकार होई।

– अगर ऊपर दीहल तरीका से आंदोलन चलावल जाई, त भोजपुर राज्य के माँग मजबूत होई।

– अब भोजपुरिया लोग के हक मिले के चाही, भोजपुर राज्य बनल जरूरी बा!